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ऑस्कर 2025: 'लापता लेडीज़' ने चमक बिखेरी, 'कल्कि 2898 एडी' और 'एनिमल' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों को पछाड़ा

लापता लेडीज़: भारत की ऑस्कर 2025 की आधिकारिक एंट्री, रवि किशन ने जताई खुशी

जाने क्यों है यह फ़िल्म इतनी ख़ास और ऑस्कर तक पहुँचने वाली

भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन ने अपनी फ़िल्म ‘लापता लेडीज़’ के ऑस्कर 2025 में भारत की आधिकारिक एंट्री बनने पर गहरा हर्ष और आश्चर्य व्यक्त किया। 23 सितंबर को फ़िल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इस बात की घोषणा की कि यह फ़िल्म ऑस्कर के लिए भारत की तरफ से नामांकित की गई है।

‘लापता लेडीज़’ ने 29 फ़िल्मों की सूची में सबसे आगे रहकर बाज़ी मारी। यह फ़िल्म समाज में व्याप्त पितृसत्ता को एक हास्यपूर्ण अंदाज में पेश करती है। इस फ़िल्म के साथ अन्य बड़ी फ़िल्में जैसे ‘एनिमल’, ‘कलकि 2898 एडी’, ‘आट्टम’ और ‘ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट’ भी ऑस्कर की दौड़ में शामिल थीं।

रवि किशन ने कहा, "मैं बहुत खुश हूँ, मुझे यक़ीन ही नहीं हो रहा। यह मेरी पहली फ़िल्म है जो ऑस्कर की तरफ बढ़ रही है... मैं पूरा श्रेय किरण राव, आमिर ख़ान, लेखकों और फ़िल्म की पूरी कास्ट को देना चाहूँगा। हमें पता था कि यह फ़िल्म हिट होगी, लेकिन यह ऑस्कर तक पहुँचेगी, यह मैंने कभी नहीं सोचा था।"

किरण राव और आमिर ख़ान की टीम का शानदार प्रयास

फ़िल्म की निर्देशिका किरण राव ने फ़िल्म की सफलता पर सभी का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा, "मैं इस फ़िल्म को चुनने वाली समिति और उन सभी का आभार व्यक्त करती हूँ जिन्होंने इस फ़िल्म पर भरोसा जताया। यह हमारे लिए एक बड़ा सम्मान है कि हम इस साल इतनी अद्भुत भारतीय फ़िल्मों में से चुने गए हैं।"

उन्होंने आमिर ख़ान प्रोडक्शन्स और जियो स्टूडियोज़ का विशेष रूप से धन्यवाद करते हुए कहा कि यह उनके सहयोग और समर्थन के बिना संभव नहीं था। फ़िल्म के कलाकारों और पूरी टीम की मेहनत और समर्पण की भी सराहना की।

ऑस्कर की दौड़ में ‘लापता लेडीज़’ की जीत का सफर

‘लापता लेडीज़’ के रास्ते में बड़ी फ़िल्मों से मुकाबला था जैसे कि संदीप रेड्डी वांगा की ‘एनिमल’, नाग अश्विन की ‘कलकि 2898 एडी’, और मलयालम नेशनल अवार्ड विजेता ‘आट्टम’। लेकिन फिर भी, इस फिल्म ने अपने कथानक की गहराई और मज़बूत संदेश के दम पर सबसे आगे रहकर बाज़ी मारी।

फ़िल्म की कहानी समाज में महिलाओं के अस्तित्व और पितृसत्तात्मक सोच पर आधारित है। भले ही यह बॉक्स ऑफिस पर ज़्यादा बड़ी हिट नहीं रही, लेकिन नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होने के बाद इसकी लोकप्रियता में जबरदस्त उछाल आया। फ़िल्म की गहनता और कहानी ने दर्शकों का दिल जीत लिया।

ऑस्कर में भारत की पिछली एंट्रीज और फ़िल्म का महत्व

2002 में आमिर ख़ान की ‘लगान’ के बाद से अब तक कोई भारतीय फ़िल्म ऑस्कर में अंतरराष्ट्रीय फीचर फ़िल्म श्रेणी में नामांकित नहीं हुई है। ‘मदर इंडिया’ और मीरा नायर की ‘सलाम बॉम्बे’ भी इस श्रेणी में नामांकित हो चुकी हैं। अब, 2025 में ‘लापता लेडीज़’ से भारत को एक बार फिर से बड़ी उम्मीदें हैं।

अभिनेता रवि किशन का मानना है कि इस फ़िल्म को फिर से थिएटरों में रिलीज़ किया जाना चाहिए और इसे टैक्स-फ्री कर दिया जाना चाहिए ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इसे देख सकें। उनका कहना है कि यह फ़िल्म एक किताब के समान है, जिससे बहुत कुछ सीखा जा सकता है।

सिनेमाघरों से सुप्रीम कोर्ट तक: एक महत्वपूर्ण यात्रा

गौरतलब है कि 9 अगस्त 2024 को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपने कर्मचारियों के लिए ‘लापता लेडीज़’ की एक विशेष स्क्रीनिंग आयोजित की थी। यह स्क्रीनिंग सुप्रीम कोर्ट की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर लैंगिक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी।

यह फ़िल्म न केवल मनोरंजन के रूप में बल्कि समाज में बदलाव लाने वाले संदेशों के रूप में भी अपनी पहचान बना रही है। देखना दिलचस्प होगा कि यह ऑस्कर की दौड़ में कहाँ तक पहुँचती है।


इस प्रकार, ‘लापता लेडीज़’ न सिर्फ़ एक मनोरंजक फ़िल्म है बल्कि समाज में व्याप्त समस्याओं को उजागर करने वाली एक सशक्त कृति भी है। ऑस्कर 2025 में इसकी सफलता की उम्मीदें हर भारतीय के दिल में हैं।